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मतदाता दिवस

एक लोकतांत्रिक देश की नींव वहां के नागरिकों को मिले मतदान के अधिकार पर निर्भर करती है। भारत एक लोकतांत्रिक और संवैधानिक देश है, जहां जनता द्वारा, जनता के लिए, जनता का शासन होता है। यह सब संभव है एक-एक वोट से ये शब्द एचपीएस सीनियर सेकंडरी स्कूल शेरगढ़ में नटखट द्वारा आयोजित कार्यक्रम मेरा वोट मेरा अधिकार के अवसर पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए विद्यालय निदेशक एवं प्रिंसिपल आचार्य रमेश सचदेवा ने कहे। 

उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के बाद 26 जनवरी 1950 में देश में संविधान लागू हुआ। भारतीय संविधान में प्रत्येक नागरिकों को कुछ अधिकार दिए गए। इन अधिकारों के साथ ही आदर्श नागरिक के लिए कुछ कर्तव्य भी निर्धारित किए गए। संविधान में भारत के नागरिक के जो कर्तव्य हैं, उनमें से एक मतदान का अधिकार है। वोटर का बहुमूल्य मत दल विशेष को पांच साल के लिए सत्ता में लाता है। इस तरह के देश व राज्य के लिए विकास के लिए एक नागरिक होने का कर्तव्य पूरा कर सकते हैं। हालांकि देश में मतदान का रुझान कम है। वोटरों को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए हर वर्ष जनवरी माह में राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। 18 वर्ष की आयु के बाद हर आयु, वर्ग और लिंग के लोगों को मतदान का अधिकार है। आइए जानते हैं राष्ट्रीय मतदाता दिवस क्यों और कब से मनाने की शुरुआत हुई।

नटखट संचालिका दसवीं कक्षा की चेष्ठा ने कहा कि राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी को प्रतिवर्ष भारत में मनाया जाता है। भारत निर्वाचन आयोग इस साल पूरे देश में 12वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मना रहा है।वर्ष 2011 में तात्कालिक राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल ने पहली बार 25 जनवरी 2011 को 'राष्ट्रीय मतदाता दिवस' मनाने की शुरुआत की थी।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस को 25 जनवरी के दिन मनाने का एक खास कारण है। भारत की आजादी के तीन वर्ष बाद जब 1950 में 26 जनवरी को संविधान लागू किया गया, तो उससे एक दिन पहले यानी 25 जनवरी 1950 को चुनाव आयोग की स्थापना हुई। भारत के चुनाव आयोग के स्थापना दिवस के दिन राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने का फैसला लिया गया।

दसवीं कक्षा की तनिशा ने कहा कि मतदान को लेकर भारत में रुझान कम है। अभी तक देश में महिलाएं और कई वर्ग के लोग मतदान के अधिकार का उपयोग नहीं करते हैं। हालांकि देश की तरक्की के लिए हर एक वोट जरूरी है। इसलिए मतदाता दिवस मनाने का उद्देश्य सभी पात्र मतदाताओं की पहचान करके उन्हें वोट देने के लिए प्रेरित करना है।

मतदाता दिवस के दिन पात्र मतदाताओं की पहचान की जाती है। अगर उनकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो तो ऐसे युवाओं का नाम मतदाता सूची में शामिल करके उनका निर्वाचक फोटो पहचान पत्र बनाया जाता है। इस दिन मतदाताओं को शपथ भी दिलाई जाती है कि वह मत का प्रयोग कर देश के विकास के लिए लायक प्रतिनिधि का चयन करें। कार्यक्रम के अंत में सभी ने मताधिकार के शपथ ली।  सभी स्टाफ सदस्य भी उपस्थित रहे।